पांच दशक के बाद आई कर्ज लेने की याद

अंद्रेटा (कांगड़ा)। पांच दशक बीत जाने पर जिला उद्योग विभाग को अपना कर्ज वापस लेने की आखिर याद आ गई है। विभाग ने यह कर्ज एक व्यक्ति को 1967 में दिया था। उसके बाद अब विभाग ने व्यक्ति को नोटिस भेज कर अपना कर्ज वापस करने की बात कही है, लेकिन अब न तो कर्जदार जीवित है और न ही उसके गवाह। गवाहों को भी नोटिस भेजा गया है।
जानकारी के अनुसार 1967 में राजपुर टांडा के अमरनाथ ने उद्योग विभाग से एक हजार रुपये का ऋण रेशम उद्योग के लिए लिया था। उसके बाद उसने इस कर्ज के 370 रुपये और 206 रुपये ब्याज भी दिया। उसके बाद कर्जदार ने कोई पैसा विभाग को नहीं दिया। अब करीब 47 साल बीत जाने के बाद विभाग ने फिर से अमरनाथ व उसके दो गवाह मंगत राम व फकीर चंद निवासी टांडा राजपुर को नोटिस भेज कर अपना ऋण वापस मांगा है। यही नहीं इस ऋण का दिलचस्प पहलू यह है कि अब तक कर्ज की बची शेष राशि पर 47 सालों में एक हजार रुपये ही ब्याज लगा है। लिहाजा, 19 साल पहले मर चुके अमरनाथ के खाते में अब तक 630 रुपये ऋण पर एक हजार रुपये ब्याज लगा है। उद्योग विभाग ने अब अमर नाथ और उसके गवाहों को नोटिस डाल कर 23 अगस्त को बीडीओ पंचरुखी में पैसा जमा करवाने की बात कही है। परिजनों का कहना है उन्हें आज तक कोई नोटिस नहीं आया है। इधर, उद्योग विभाग धर्मशाला के जिला महाप्रबंधक ओपी जरियाल ने कहा कि ऋणदाता को विभाग नोटिस रूटीन में भेजता रहता है और यह भी नोटिस रूटीन में भेजा गया है।

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